झांसी न्यूज डेस्क: झांसी के बचेड़ा गांव में यूपी पुलिस की एक महिला सिपाही ने अपने बचपन के दोस्त और दरोगा से लव मैरिज कर ली। शादी दोनों की रज़ामंदी से हुई और परिवारों ने खुशी-खुशी इसका हिस्सा लिया। लेकिन जब यह खबर लड़की के गांव पहुंची, तो पंचायत भड़क गई। जाति को लेकर विरोध हुआ और पंचायत ने लड़की के माता-पिता का हुक्का-पानी बंद करने का तुगलकी फरमान सुना दिया।
पंचायत ने 13 मई को बैठक कर अंतरजातीय विवाह को गलत बताया और 20 लाख रुपये का जुर्माना ठोक दिया। इतना ही नहीं, गांव वालों को सख्त हिदायत दी गई कि कोई भी परिवार के किसी सदस्य से बात नहीं करेगा, न ही लेन-देन करेगा। अगर किसी ने पंचायत का हुक्म नहीं माना तो उस पर 50 हजार का जुर्माना लगेगा। इस सामाजिक बहिष्कार के चलते पीड़िता का परिवार मुश्किलों में है — डेयरी चलाने के बावजूद अब कोई दूध भी नहीं खरीद रहा।
पीड़िता की मां ने रोते हुए कहा कि पंचायत ने हमारे ऊपर जुर्माना तो लगाया ही, ब्याज भी वसूली की बात कह रहे हैं। हम गरीब लोग हैं, कहां से इतना पैसा देंगे? हमारी बेटी नौकरी कर रही है, लड़का भी सरकारी नौकरी में है — फिर ऐसी सजा क्यों दी जा रही है? हमें तो गांव में बोलने तक का हक नहीं मिल रहा।
13 मई को हुई पंचायत के बाद जब परिजन थाने पहुंचे तो पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय उन्हें समझा-बुझाकर लौटा दिया। लेकिन 9 जून को जब वे समाधान दिवस में पहुंचे तो अफसरों ने एसएसपी को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने थानाध्यक्ष को तलब कर रिपोर्ट मांगी और तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। पुलिस ने अब गांव के प्रधान के पिता संतोष यादव और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।